तब तक आप इंसानियत छोड़कर आस्तीन का सांप बनना सीख लीजिए और विदेशी ब्लागर्स की ख़ुशामद करना भी ।
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आपको इससे पहले भी मैंने बतलाया, जैसे कि आजकल के वक़्त में एक अच्छा आदमी जो नाम किया है, अच्छा वक़्त देखा है, तो ऐसे काम के लिए के घर जाना, किसी की ख़ुशामद करना, ये मैं समझता हूँ कि बेइज़्ज़ती है।